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शनिदेव आरती - Shani Dev Aarti Hindi | Aarti shani dev hindi | Bhakti Sangam
शनिदेव आरती
आरती कीजै नरसिंह कुँवर की,
वेद विमल यश गाऊँ मेरे प्रभु जी।
पहली आरती प्रहलाद उबारे,
हिरनाकुश नख उदर बिदारे।
दूसरी आरती वामन देवा,
बलि के द्वारे पधारे हरिदेवा।
तीसरी आरती ब्रह्म पधारे,
सहसबाहु के भुजा उखारे।
चौथी आरती असुर संहारे,
भक्त विभीषण लंक पधारे।
पांचवीं आरती कंश पछारे,
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले।
तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा,
हरषि निरिख गावै दास कबीरा।
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